शाम हो चुकी है भला कैसे खड़ा होगा
पीकर बेचारा किसी नाले में पड़ा होगा
.
उसकी मुस्कुराहट कर रही है चुगली
शादीशुदा नहीं शर्तियाँ वह 'छड़ा' होगा
.
आज फिर उसका चेहरा सूजा हुआ है
किसी ‘नाजनीन’ ने थप्पड़ जड़ा होगा
.
नाक कट गयी है, आँख कहीं और होगा
किसी बिजली के खम्भे से लड़ा होगा
.
‘तौहीन’ इसके लिए शान -ओ-शौकत है
इसके जेहन में शायद चिकना घड़ा होगा
13 comments:
पीकर बेचारा किसी नाले में पडा होगा ,
उफ़्फ़ हाईट है जी हाईट है मासूमियत की इस बेचारे की । हा हा हा :) :)
आमंत्रित सादर करे, मित्रों चर्चा मंच |
करे निवेदन आपसे, समय दीजिये रंच ||
--
बुधवारीय चर्चा मंच |
वाह क्या बात है बहुत खूब लिखा है आपने...:-)
:):) बहुत खूब
उसकी मुस्कुराहट कर रही है चुगली
शादीशुदा नहीं शर्तियाँ वह 'छड़ा' होगा ...
मतले से लेकर आखरी शेर तक ... लाजवाब शेर हैं .. अलग अंदाज़ लिए ... बहुत ही उम्दा वर्मा जी ...
बहुत खूब :-)
शाम हो चुकी है भला कैसे खड़ा होगा
पीकर बेचारा किसी नाले में पड़ा होगा
....bahut baar aisa hi nazara bahut jagah dikhta hai... sundar sarthak prastuti..
चिकने घड़े की सभी तश्वीरें खींच लीं!:)
हाय बेचारगी!
वा वाह वा वाह ...
आनंद आ गया , वैसे यह सज्जन हैं कौन ...??
wah...
wah...
किसकी है ये आहट
???????????
Post a Comment