Friday, May 28, 2010

यह सोच के मैने गिफ्ट दिया था कि मना करेगी ~~

उसने उस दिन मेरे गाल पर झन्नाटा लिखा था

कोई ताड़ न पाये इसलिये मैनें सन्नाटा लिखा था

.

उसकी गली में आया था कुत्ते पीछे पड़ गये थे

पढ़कर देखते मेरे चेहरे पर ज्वार-भाटा लिखा था

.

चमन में आया था मैं चश्मे-नम करने की ख़ातिर

मेरे भाग्य में तो निगोड़ा यह सूखा कांटा लिखा था

.

यह सोच के मैने गिफ्ट दिया था कि मना करेगी

लेकर बिन बोले चल दी,  इतना बड़ा घाटा लिखा था

.

बहुत हौसला लेकर आया था मैं उसकी देहरी पर

पर उसने दरवाजे पर ओके, बाय, टाटा लिखा था

image

21 comments:

अविनाश वाचस्पति said...

जब लिखा है टाटा

तो कैसे न हो घाटा ?

honesty project democracy said...

उम्दा और समझदार लोगों के लिए विचारणीय प्रस्तुती /

संजय भास्‍कर said...

अच्छी और सराहनीय प्रयास

विनोद कुमार पांडेय said...

गिफ्ट लेने के बाद का टाटा तो बड़े घाटे की बात हो गई..मजेदार और बढ़िया ग़ज़ल..बधाई वर्मा जी

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

यह सोच के मैने गिफ्ट दिया था कि मना करेगी

लेकर बिन बोले चल दी, इतना बड़ा घाटा लिखा था

.

बहुत हौसला लेकर आया था मैं उसकी देहरी पर

पर उसने दरवाजे पर ओके, बाय, टाटा लिखा था


हा-हा-हा , भाई साहब, कंजूसी करने की सोचो तो यही नुकशान होता है !

अमिताभ मीत said...

ये तो सच में घाटा हो गया भाई .... आगे के लिए नसीहत है लेकिन ...

समय चक्र said...

बहुत बढ़िया गजब की रचना . गिफ्ट देने के पहले दोस्ती करना भी तो जरुरी है सर......आभार

Shah Nawaz said...

यह सोच के मैने गिफ्ट दिया था कि मना करेगी

लेकर बिन बोले चल दी, इतना बड़ा घाटा लिखा था.

Shah Nawaz said...

प्रेमी तो ऐसे ही होते हैं,
हमेशा से ही घाटा सहते आएं हैं.

खुशियाँ कभी दूर नहीं होती उनसे,
वह खुद ही हमेशा,
उन्हें टाटा कहते आएं हैं.

Jyoti said...

मजेदार और बढ़िया ग़ज़ल..

उसने उस दिन मेरे गाल पर झन्नाटा लिखा था कोई ताड़ न पाये इसलिये मैनें सन्नाटा लिखा था .......

Shekhar Kumawat said...

ARE YAR BAHUT BURA HUWA AAP KE SATH

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

:) :) अच्छी हास्य कविता...

Ra said...

बहुत ही रोचक और लाजवाब ,,शुरू से अंत तक आनंददायक ,,,

Anonymous said...

पहले झन्नाटा
फिर घाटा
और फिर टाटा!

बहुत बेइंसाफ़ी है!!

बी एस पाबला

Razia said...

हा हा हा
बहुत अच्छी हास्य गज़ल

शेफाली पाण्डे said...

bhaut badhiya :}

Unknown said...

mazedaar

masaaledar !

Udan Tashtari said...

ओके, बाय, टाटा !!!!




(मस्त) :)

Khushdeep Sehgal said...

वो भी क्या करती...
आपकी पतंग पर...वो काटा...जो लिखा था...

जय हिंद...

shikha varshney said...

Dilchasp....

Satish Chandra Satyarthi said...

मजेदार है जी... :)

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