हास्य, व्यंग्य, कही-अनकही
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सौ आने सच्ची बात...
waah badi sahi baat kahi
गुलाब में कांटे हैं उसकी रक्षा के लिए ...या काँटों की चुभन को कम करने के लिए है गुलाब ...जो भी हो ..चित्र बहुत खूबसूरत है ...!!
जिस दिन हम सब यह समझ जायेंगे की दुख ही असल सुख और सच्चा है उस दिन ये संसार इंसानों की बस्ती हो जाएगी /
बेहतरीन नजरिया ।
जीवन के सफर में गुलाब रूपी सुख व कांटों रूपी दु:ख भी है....दोनों को समभाव से सहना ही जीवन है, का सन्देश देती सशक्त रचना।
सुन्दर....जीवन में फूल और कांटे दोनों ही मिलते हैं
जीवन के यही तो दो रंग है.बढिया
Joy and woes are woven fine !
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9 comments:
सौ आने सच्ची बात...
waah badi sahi baat kahi
गुलाब में कांटे हैं उसकी रक्षा के लिए ...या काँटों की चुभन को कम करने के लिए है गुलाब ...
जो भी हो ..चित्र बहुत खूबसूरत है ...!!
जिस दिन हम सब यह समझ जायेंगे की दुख ही असल सुख और सच्चा है उस दिन ये संसार इंसानों की बस्ती हो जाएगी /
बेहतरीन नजरिया ।
जीवन के सफर में गुलाब रूपी सुख व कांटों रूपी दु:ख भी है....दोनों को समभाव से सहना ही जीवन है, का सन्देश देती सशक्त रचना।
सुन्दर....जीवन में फूल और कांटे दोनों ही मिलते हैं
जीवन के यही तो दो रंग है.
बढिया
Joy and woes are woven fine !
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