हास्य, व्यंग्य, कही-अनकही
सुनिये मेरी आवाज में कविता 'हमारी सुरक्षा व्यवस्था तो चाक-चौबन्द है'
कविता पढने के लिये यहा क़्लिक करें :
'हमारी सुरक्षा व्यवस्था तो चाक-चौबन्द है'
बहुत सटीक !!
कमाल है... बहुत ही सटीक...
सुन्दर व्यंग्य .. सामयिक और फिर आपके द्वारा सुनना ...
आपकी आवाज़ में सुन कर मज़ा आ गया ...
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4 comments:
बहुत सटीक !!
कमाल है... बहुत ही सटीक...
सुन्दर व्यंग्य .. सामयिक और फिर आपके द्वारा सुनना ...
आपकी आवाज़ में सुन कर मज़ा आ गया ...
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