मंगतू हिन्दी की परीक्षा देने गया. उसका पेपर कैसा हुआ मुझे तो नहीं पता पर प्रश्नपत्र के प्रश्न संख्या 7 का प्रश्न और उस प्रश्न के उत्तर में जो मंगतू ने लिखा वह निम्नवत है :
प्रश्न संख्या 7 : जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि' का अर्थ स्पष्ट करो.
मंगतू ने उत्तर जो लिखा :
उत्तर संख्या 7 : कवि जहाँ साधारणतया जाता है वह स्थान है 'कविसम्मेलन' और कविसम्मेलन आमतौर पर रात में होता है, जिस समय रवि अर्थात सूर्य की उपस्थिति सम्भव नहीं है. इसीलिये कहा गया है ''जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि".
10 comments:
मंगतू भी फत्तू और मक्खन की तरह बहुत इंटेलिजेंट है...
:) :)सटीक जवाब
बिलकुल सही, लाक किया जाए.
बिल्कुल सही जवाब दिया है मंगतू ने ।
एक और उत्तर हो सकता है इस प्रश्न का.
रवि (सूर्य) किरण के साथ रहता है और कवि , कविता के साथ . अब दोनों अपनी जगह तो नहीं बदल सकते ना . आपसी समझौता है उनमे
बेनकलीय मौलिक उत्तर ऐसे ही होते हैं वर्मा जी।
:) सही कहा.
सही है !
ऐसे मंगतू पूरे देश में हैं ।
ऐसे इनोवेटिव माइण्ड वाले बच्चे ही देश का भविष्य हैं। मंगतू का भविष्य सुखद है।
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