Tuesday, September 21, 2010

मंगतू की हिन्दी परीक्षा ..

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मंगतू हिन्दी की परीक्षा देने गया. उसका पेपर कैसा हुआ मुझे तो नहीं पता पर प्रश्नपत्र के प्रश्न संख्या 7 का प्रश्न और उस प्रश्न के उत्तर में जो मंगतू ने लिखा वह निम्नवत है :

प्रश्न संख्या 7 : जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि' का अर्थ स्पष्ट करो.

मंगतू ने उत्तर जो लिखा :

उत्तर संख्या 7 : कवि जहाँ साधारणतया जाता है वह स्थान है 'कविसम्मेलन' और कविसम्मेलन आमतौर पर रात में होता है, जिस समय रवि अर्थात सूर्य की उपस्थिति सम्भव नहीं है. इसीलिये कहा गया है ''जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि".

10 comments:

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

मंगतू भी फत्तू और मक्खन की तरह बहुत इंटेलिजेंट है...

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

:) :)सटीक जवाब

दीपक बाबा said...

बिलकुल सही, लाक किया जाए.

सदा said...

बिल्‍कुल सही जवाब दिया है मंगतू ने ।

ashish said...

एक और उत्तर हो सकता है इस प्रश्न का.
रवि (सूर्य) किरण के साथ रहता है और कवि , कविता के साथ . अब दोनों अपनी जगह तो नहीं बदल सकते ना . आपसी समझौता है उनमे

अविनाश वाचस्पति said...

बेनकलीय मौलिक उत्‍तर ऐसे ही होते हैं वर्मा जी।

shikha varshney said...

:) सही कहा.

अमिताभ मीत said...

सही है !

शरद कोकास said...

ऐसे मंगतू पूरे देश में हैं ।

ePandit said...

ऐसे इनोवेटिव माइण्ड वाले बच्चे ही देश का भविष्य हैं। मंगतू का भविष्य सुखद है।

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