हास्य, व्यंग्य, कही-अनकही
पेट में चूहे कूद रहे थे
मैं चूहों के पीछे भाग रही थी
अब तो कुछ सुस्ता लूँ
दो दिन से मैं जाग रही थी
भाग भाग कर टांगे थक गयी..इस लिए इनको उठा रही हु..घूर के मत देखो मुझको..मैं न कोई स्टाइल मर रही हु.
उम्दा विचारणीय प्रस्तुती
:):) बढ़िया ..
हा हा मजेदार
बेहद निखटू बिल्ली निकली
हा हा हा ....मज़ा आ गया...
आज तो आप अलग ही अंदाज़ में हैं वर्मा जी
azab chitra gazab kavita .. ha ha ha
बहुत मजेदार..............
हा हा हा...
कर लो अम्मा आराम कर लो चूहों को भी आराम रहेगा तुम्हारे आराम काल में
जबरदस्त।--------पड़ोसी की गई क्या?गूगल आपका एकाउंट डिसेबल कर दे तो आप क्या करोगे?
Very good....
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13 comments:
भाग भाग कर टांगे थक गयी..
इस लिए इनको उठा रही हु..
घूर के मत देखो मुझको..
मैं न कोई स्टाइल मर रही हु.
उम्दा विचारणीय प्रस्तुती
:):) बढ़िया ..
हा हा मजेदार
बेहद निखटू बिल्ली निकली
हा हा हा ....मज़ा आ गया...
आज तो आप अलग ही अंदाज़ में हैं वर्मा जी
azab chitra gazab kavita .. ha ha ha
बहुत मजेदार..............
हा हा हा...
कर लो अम्मा आराम कर लो
चूहों को भी आराम रहेगा तुम्हारे आराम काल में
जबरदस्त।
--------
पड़ोसी की गई क्या?
गूगल आपका एकाउंट डिसेबल कर दे तो आप क्या करोगे?
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