सारे ब्लौगर डब्बे में बंद हो कर .... देश बदर कर के जन्गल में भेजे जा रहे होंगे.... बहुत बवाल मचाये हुए हैं आजकल सब.... जानबूझ कर खच्चर गाडी में भेजे जा रहे होंगे....
शब्द तो बोलते ही हैं, यहाँ तो जनाब तस्वीर भी बोलती है। वो बेजुबान नहीं, बस हम बहरे हैं, जुबान तो खुद ने उसे दी है, लेकिन हमारे कानों को उसकी बोली समझ कहाँ आती है, हमें तो मानव बोली भी समझ में कम ही आती है।
15 comments:
samajh nahi aaya chitra pe hansu...ya aapke bhavon pe soch me padun...bahut sundar bhav...
जो भी लदा हो .. झेलना तो बेजुबान को ही पडेगा !!
सारे ब्लौगर डब्बे में बंद हो कर .... देश बदर कर के जन्गल में भेजे जा रहे होंगे.... बहुत बवाल मचाये हुए हैं आजकल सब.... जानबूझ कर खच्चर गाडी में भेजे जा रहे होंगे....
@महफ़ूज अली
बिलकुल सही पहचाना गुरु
@ Mahfooz Ali
@ Lalit jee
कब जा रहे थे आप लोग मुझे अकेला छोडकर
बहुत खूब
रोचक भी और
विचारणीय भी
शब्द तो बोलते ही हैं, यहाँ तो जनाब तस्वीर भी बोलती है। वो बेजुबान नहीं, बस हम बहरे हैं, जुबान तो खुद ने उसे दी है, लेकिन हमारे कानों को उसकी बोली समझ कहाँ आती है, हमें तो मानव बोली भी समझ में कम ही आती है।
वर्मा जी, गाड़ी में लदा है हम इंसानों का लोभ, निष्ठुरता, बर्बरता, हैवानियत।
डब्बे में क्या है..फिर भी उसी की चिन्ता..बेचारा घोड़ा!!
पहले उसे नीचे उतारा जाये तब तो कुछ कहा जा सकता है
हमे लगता है स्वार्थ ओर लालच...........
बेचारे कागज़ के बेजुबां डब्बे, इस गधे ने सब पलट दिए, कामचोर कहीं का !
महफूज की बात में दम है। वैसे मेरा मानना है कि घोड़े बिदकाने के लिए सारे क्या बस एक ही काफी है।
bejubaan ki peeda kab samjhenge log?
ओह ! मन दुखी हो गया ।
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