‘यह मेरे नाक का सवाल है ..’ अक्सर यह जुमला मुझे परेशान करता रहा है. आखिर नाक का वह सवाल है क्या? क्या नाक सवाल भी करता है? और अगर करता है तो सवालों से लगातार घिरे होने के बावजूद नाक के सवाल के प्रति हम इतने सचेत क्यों रहते हैं? वैसे जहाँ तक मैं जानता हूँ उसके अनुसार, “नाक रीढ़धारी प्राणियों में पाया जाने वाला छिद्र है। इससे हवा शरीर में प्रवेश करती है जिसका उपयोग श्वसन क्रिया में होता है। नाक द्वारा सूँघकर किसी वस्तु की सुगंध को ज्ञात किया जा सकता है।“
वैसे तो नाक आँखो के मध्य स्थित होता है, पर यह सर्वदा आँखों से ओझल ही होता है. इसीलिये इसकी ऊँचाई और सलामती की खबर दूसरे ही रखते हैं. बिना नाक वाला भी हमेशा दूसरों की निगाह में स्वयं को नाक वाला साबित करने के प्रयत्न में लगा रहता है. क्योकि नाक मानव शरीर में सबसे ऊँचा स्थल होता है (यदि स्थितियाँ सामान्य हों तो) अत: इसके क्षतिग्रस्त होने की; कटने की सम्भावना सर्वदा बरकरार रहती है. यूँ तो मक्खियों के लिये यह प्रिय स्थल है पर लोग नाक पर मक्खियों का बैठना बिलकुल पसन्द नहीं करते हैं.
यूँ तो नाक कई प्रकार के होते हैं, पर ऊँची नाक वालों की नाक सबसे नाजुक होती है. इसके कटने की सम्भावना बनी रहती है, फिर भी लोग नाक ऊँची रखना ही पसन्द करते हैं. नाक ऊँची रखने का शौक मानव सभ्यता में बहुत प्राचीन है. रामायण, महाभारत से लेकर अन्य अनेक महायुद्धों का सम्बन्ध इसी नाक से है. नाक की सलामती का यह शौक विकृति के चरम तक पहुँच चुका है. तथाकथित ‘आनर’ का सम्बन्ध नाक से ही है जिसके कारण मानव सभ्यता (!!) को ‘आनर कीलिंग’ तक का सफर करना पड़ता है.
सौन्दर्य का आकलन भी नाक से ही प्रारम्भ होता है. ‘नाक-नक्श’ देखकर ही लोग रिश्ते बनाते हैं, फब्तियाँ कसते हैं या छेड़ने तक का दुस्साहस कर जाते हैं. छेड़ने की प्रक्रिया में ‘छिड़े’ और ‘छेड़े’ दोनों की नाक को खतरा पैदा हो जाता है और इसके कटने की सम्भावना बन जाती है.
नाक का सीधा सम्बन्ध नकेल से है. इसकी अंग्रेजी String है. इसकी ख़ासियत है कि इसके एक सिरे का सम्बन्ध तो नाक से होता है पर दूसरे सिरे का नियंत्रण किसी और के हाथ में होता है. आम भारतीयों की नकेल उनकी पत्नियों के हाथ में है पर मजेदार बात है कि उन्हें इस बात का एहसास भी नहीं है. (अपवादों को छोड़कर)
आप सबकी नाक सलामत रहे. आपने इस आलेख को पढ़कर मेरी नाक रख ली. धन्यवाद !
10 comments:
:-) यह नाक का सवाल है!!!
badhiya vyangya !
rakhi n naak .... hahaha , hum sabki naak salamat rahe
आख़िर आपकी नाक का सवाल है आपने तो सभी ब्लागर की नाक रख ली सुंदर आलेख से , बधाई
बहुत सुन्दर व्यंग| धन्यवाद|
नाक का सवाल था ...रखनी ही थी .. :):)
हा हा हा बहुत सुन्दर व्यंग ...
आभार
तृप्ती
बहुत सुन्दर सवाल है!
वर्मा जी, आपने नाक के चारों ओर इतनी नाकाबँदी की कि उससे सम्बँधित सभी बात कहने के तरीकों को पकड़ लिया, इससे आप की वैज्ञानिकी विषय की पढ़ायी का अन्दाज़ भी मिलता है. :)
sach is naak ke peeche kya-kya nahi ho jaata..
bahut badiya vyang...
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