हास्य, व्यंग्य, कही-अनकही
धरा को तुम एक दरख़्त दो
दरख़्त तुम्हें विस्तृत धरा देगा
मृदु एहसास देगा, विश्वास देगा
आशियाना तुमको ये हरा देगा
सच्ची बात ...गागर में सागर भरा है आपने.
सही कहा , अच्छा सन्देश http://madhavrai.blogspot.com/
कहाँ से इतने खूबसूरत चित्र मिले सर मुझे भी बताएं... और आपका मुक्तक तो बस पूछिए ही मत..
Wah-waah !
खरी बात....बहुत अच्छा भाव
बहुत ही उम्दा वर्मा जी ।
वर्मा साहब बेहतरीन लगी पोस्ट
kam shabdo me ek pate ki baat kahi...
बहुत अच्छी लगी यह पोस्ट...
खूबसूरत चित्र,बहुत अच्छा भाव..शायद अब हम वृक्षारोपण पर ध्यान दें...
यथार्थबोध के साथ कलात्मक जागरूकता भी स्पष्ट है।
waah!laajawaab tareeka laajawaab baat kehne kaa...kunwar ji,
वैवाहिक वर्षगाँठ पर बधाई सर..
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13 comments:
सच्ची बात ...गागर में सागर भरा है आपने.
सही कहा , अच्छा सन्देश
http://madhavrai.blogspot.com/
कहाँ से इतने खूबसूरत चित्र मिले सर मुझे भी बताएं... और आपका मुक्तक तो बस पूछिए ही मत..
Wah-waah !
खरी बात....बहुत अच्छा भाव
बहुत ही उम्दा वर्मा जी ।
वर्मा साहब बेहतरीन लगी पोस्ट
kam shabdo me ek pate ki baat kahi...
बहुत अच्छी लगी यह पोस्ट...
खूबसूरत चित्र,बहुत अच्छा भाव..शायद अब हम वृक्षारोपण पर ध्यान दें...
यथार्थबोध के साथ कलात्मक जागरूकता भी स्पष्ट है।
waah!
laajawaab tareeka laajawaab baat kehne kaa...
kunwar ji,
वैवाहिक वर्षगाँठ पर बधाई सर..
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