Sunday, November 21, 2010

अपना एक स्टाईल रक्खो

अपना एक स्टाईल रक्खो

अधरों पर स्माईल रक्खो

.

दिखना हो जो धीर-गंभीर

पहलू में एक फाईल रक्खो

.

ये दुनिया जीने नहीं देगी

नज़रों मे मिसाईल रक्खो

.

बिखर रहे हो क्यूँ आखिर

खुद को कम्पाईल रक्खो

.

खतरा है खो जाने का तो

संग अपने मोबाईल रक्खो

14 comments:

Aman Peace said...

bahut sundar ..

विवेक रस्तोगी said...

वाह अंग्रेजी शब्दों का बेहतरीन उपयोग किया है.. मिसाईल

Sunil Kumar said...

fusion bhasha men likhi yeah gajal hansane ke sath achhi bhi lagi

Manish aka Manu Majaal said...

ऐसे ही सोचिये मजेदार,
सोच को यूँही फर्टाईल रखो ...

अरुण चन्द्र रॉय said...

अंग्रेजी शब्दों का बेहतरीन उपयोग....बहुत खूब ..

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत बढ़िया स्टाइल

शरद कोकास said...

इन अंग्रेजी काफियों का खूबसूरत प्रयोग

S.M.Masoom said...

wah bhai maza aa geya

उस्ताद जी said...

6/10

आनंद दायक और असरदार भी.
अंग्रेजी शब्दों का बहुत सटीक प्रयोग किया है.
'मिसाईल' और 'मोबाईल' का प्रयोग अर्थपूर्ण तो है ही साथ ही मुस्कान भी ला देता है.

वन्दना महतो ! (Bandana Mahto) said...

वाह इस बार आपका अंदाजे बयां बहुत नया लगा.

Udan Tashtari said...

बेहतरीन प्रयोग है जी.

Dr Xitija Singh said...

कुछ हट के :) अच्छी fusion है ...

Poonam Nigam said...

i like the way you'hv woven words in rhyme.. :)so simply
sabko pasand ane wali kavita hai ye.

Admin said...

यह रचना मुझे मुस्कुराते हुए सोचने पर मजबूर कर देती है। आप हल्के अंदाज़ में आज की ज़िंदगी की सच्चाई पकड़ लेते हो। स्टाइल, स्माइल और फाइल वाली पंक्तियाँ सीधे दफ्तर और समाज की तस्वीर खींच देती हैं।

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