नीचे का चित्र ध्यान से देखें, और उस पर आधारित कतिपय बिलकुल आसान सवालों के जवाब दें
1. यह महाशय कौन सा आसन कर रहे हैं.
2. यह क्या सोच रहे हैं?
सही/श्रेष्ठ जवाब मिलने पर 1 अप्रैल 2010 को शानदार समारोह में जवाबदाता को ऊपर प्रदर्शित शावक पुरस्कार स्वरूप भेंट की जायेगी. एक से ज्यादा सही उत्तर मिलने पर ... उफ! मैं तो समझ नहीं पा रहा हूँ आप ही बतायें क्या करना चाहिये?
प्रतियोगिता का परिणाम : 1/4/2010 (रात्रि 12 बजे)
समारोह स्थल : उपरोक्त चित्र मे दर्शित स्थान
समारोह समय : (रात्रि 12 बजे)
जो विवरण पढकर बिना उत्तर बताये खिसक लेगा उसके लिये भी पुरस्कार विचारणीय है.
15 comments:
१. शीर्षासन ,हल आसन ,सर्वांगासन ,शीतकारी और शीतली प्राणायाम
..वर्ज्रासन ,शशांक आसन ,पवन मुक्त आसन
,भुजंगासन ,सर्वांगासन ,शलभ आसन ,हलासन
,शलभासन ,नाडीशोधन ,प्राणायम ,धनुरासन ,
२. सोच रहे है कि अगली पोस्ट क्या डालू ब्लॉग पर ! :)
१. गधासन
२. गदहचढ़
१...यह चित्तासन है..
२...यह सोच रहे हैं कि कल यानि १ अप्रैल को मेरा जन्म दिन धूम-धाम से मनाया जाएगा....
मेरा जबाब सही है क्योंकि यह मैं ही हूँ.....और सही सोच रहा हूँ...
http://laddoospeaks.blogspot.com/
मुझे तो एक भी प्रश्न का उत्तर नहीं पता
शायद सोच रहा हो कि जमीन पर लेटने के बाद कौन सा साबुन लगाकर नहाना चाहिये
-टिटहरी आसन
-सोच रहे हैं कि जब टिटहरी अपने पैर पर आसमान थाम सकती है तो मैं क्यूँ नहीं.
-सब टिटहरी से प्रेरणा मिली है इसे..मैं समझ गया.
१- रगड घसीटा आसान
२- आज का इंसान भी कितना महान है पैंट के ऊपर चड्ढी पहनने लगा है
मूर्खदिवस: आसन
भुजंगासन ,सर्वांगासन ,शलभ आसन ,हलासन
april phool to nahi banaya ja raha verma ji.....
ये एक नए टाईप की कपाल भारती है जिसे अनुलोम विलोम के साथ रिमिक्स करके किया जा रहा है , इसका फ़ल बहुत ही ..फ़ल के जूस जैसा होता है
ये सोच रहे हैं कि यार सीधा रहता हूं तो व्रर्मा जी क्या पहेली पूछ सकेंगे ..आज उलटा हो लेता हूं ...इस बहाने लोग मेरे दर्शन तो करेंगे ..
अब लाईये ईनाम , गधे को वापस भेजिए ,..बडा सूना सूना सा लग रहा है ....मुझे
अजय कुमार झा
ये एक नए टाईप की कपाल भारती है
यह गर्धभ चतुष्पादासन है
ये महाश्य गदर्भासन कर रहे हैं और गहन विचार में मग्न हैं कि आने वाले चुनावों में कैसे भी करके बाबा रामदेव की पार्टी की टिकट पर चुनाव लडकर विधायक बनना है :-)
तो निकालिए हमारा ईनाम :-)
nice
इसे कहते हैं
चारों खाने चित्त आसन
और ये सोच रहे हैं....
देखा अभी न गिर जाते हम..!!
हाँ नहीं तो..!!
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