आपको यकीन नहीं होगा
मेरे सारे पड़ोसी
मेरे पड़ोस में ही रहते हैं
हम अपने पड़ोसी के
पड़ोस मे बसने वाले बाशिन्दे है
मेरे एक पड़ोसी का नाम छिन्दे है
उन्हें नहीं भाता है होली का रंग
होली के दिन सुबह सुबह
चढ़ा लिया भंग
पत्नी के आदेश पर
बाजार से कुछ लेने जा रहे थे
रास्ते में एक गटर खुला था
बचते बचाते गटर में
छिन्दे जा गिरे
अगले ही पल वे
गन्दगी से थे घिरे
कुछ पल को वे चेतनाशून्य हो गये
या शायद भंग की तरंग में वहीं सो गये
इस बीच एक कुत्ता वहाँ आया
सूँघते ही उसे
सृष्टि की श्रेष्ठतम रचना
मानव जाति का भान हुआ
वह दुम उठा कर भागा
इतने में छिन्दे जागा
बामुश्किल वह बाहर आया
पहचान में नहीं आ रही थी
उसकी काया.
होली के रंग से अब भी वह घबरा रहा था
दूर से ही बच्चों को डरा रहा था
बच्चे डर कर भागे
वह पीछे बच्चे आगे.
सकुशल वह घर आ गया
रंग का एक बूँद किसी ने नहीं डाला
गटर की गन्दगी से तो
वह पहले से ही था काला
*
उन्होंने लम्बी साँस लिया
मन ही मन बोले
मेरे लिये तो
खुले गटर अच्छे है
7 comments:
छिन्दे की होली अच्छी रही। आपको भी होली की हार्दिक शुभकामनायें
ये भी सही रहा!
ये रंग भरा त्यौहार, चलो हम होली खेलें
प्रीत की बहे बयार, चलो हम होली खेलें.
पाले जितने द्वेष, चलो उनको बिसरा दें,
खुशी की हो बौछार,चलो हम होली खेलें.
आप एवं आपके परिवार को होली मुबारक.
-समीर लाल ’समीर’
रंग बिरंगे त्यौहार होली की रंगारंग शुभकामनाए
होली की शुभकामनाएँ ।
यह उदाहरण था किसका ??? यह और बता देते तो मज़ा आ जाता !
पड़ोसी तो पास पड़ोस मे ही रहेंगे ना भाई
http://wwwsharadkokas.blgspot.com पर नई पोस्ट देखें
bahut hi umda lagi ye rachna ,holi ke rang kuchh aese bhi
Post a Comment