दर्जनों ‘सदाओं’ ने मुझको आकर छेका है
इल्जाम क्यों देती हो आंख भर 'सेंका' है
.
आ गया होता कब का मैं तुम्हारे दर पर
क्या करू कमबख्त रास्ते में एक 'ठेका' है
.
मेरे बहकने पर क्यो दोष देती हो, बोलो
हमारे ज़ज्बात मे तो गज़ब का 'एका' है
.
इल्जाम क्यों देती हो आंख भर 'सेंका' है
.
आ गया होता कब का मैं तुम्हारे दर पर
क्या करू कमबख्त रास्ते में एक 'ठेका' है
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मेरे बहकने पर क्यो दोष देती हो, बोलो
हमारे ज़ज्बात मे तो गज़ब का 'एका' है
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नर्सों की तीमारदारी है, अस्पताल में हूँ
प्रेम से तुमने, गमले समेत फूल फेका है
.
भंवरा कब भला ठहरता है इक दर पर?
मेरे लिये तो हरेक नया ठांव ‘यूरेका’ है।
16 comments:
ha -- haa -- haaa
bahut sunder
"भंवरा कब भला ठहरता है इक दर पर?
मेरे लिये तो हरेक नया ठांव ‘यूरेका’ है।"
बहुत खूब!!
अच्छा बाँधा है।
हा हा, मस्त!!
आ गया होता कब का मैं तुम्हारे दर पर
क्या करू कमबख्त रास्ते में एक 'ठेका' है
:)
ha ha ha vaah vaah kamaal kee gazal hai badhaai
"भंवरा कब भला ठहरता है इक दर पर?
मेरे लिये तो हरेक नया ठांव ‘यूरेका’ है।"
बढिया गजल
हा हा हा
is khoobsurat raaste se main to anjaan thi .kya likha hai ?padhkar khushi hui
bahut khoob..
Raste mein theka hai
hahahaha
भंवरा कब भला ठहरता है इक दर पर?
मेरे लिये तो हरेक नया ठांव ‘यूरेका’ है।"
बहुत खूब!!
vakai bahut hi sunder is sher ki shobha yahin par aapke blog par hi sabhi sheron ke saath hai akele mere blog par nahi
भंवरा कब भला ठहरता है इक दर पर?
मेरे लिये तो हरेक नया ठांव ‘यूरेका’ है।
bahut mast bhav.man ko chhoo raha hai.
bahut hi sundar bhaw ke sath sundar rachana ......
भंवरा कब भला ठहरता है इक दर पर?
मेरे लिये तो हरेक नया ठांव ‘यूरेका’ है।
- वाह वाह.
नर्सों की तीमारदारी है, अस्पताल में हूँ
प्रेम से तुमने, गमले समेत फूल फेका है
.
भंवरा कब भला ठहरता है इक दर पर?
मेरे लिये तो हरेक नया ठांव ‘यूरेका’ है।
bahut badhiya hasya ....maja aya padhkar.
वाह क्या बात है! आपका नया ब्लॉग बहुत सुंदर है! बहुत खूब और सुंदर भाव के साथ लिखी हुई आपकी ये रचना मज़ेदार लगा!
आ गया होता कब का मैं तुम्हारे दर पर
क्या करू कमबख्त रास्ते में एक 'ठेका' है
वाह भाई ....... बहुत खूब
आनंद आ गया
मेरी शुभकामनाएँ !!!
आज की आवाज
इ तो गज़ब का 'यूरेका' है
ऐसा 'यूरेका' पहले नहीं देखा है
इ तो अच्छा है आप साबूत बच गए हैं
अरे अच्छे-अच्छों को आर्कमिदिस से
मजनूँ बनते हुए देखा है......
हा हा हा हा
बहुत ही बढ़िया है..
मज़ा आ गया.. ज़बरदस्त ....
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