Saturday, November 1, 2025

सैलाब रक्खेंगे ....


ये तुम्हारा भरम है कि वे गुलाब रक्खेंगे
मंजिल से ठीक पहले वे सैलाब रक्खेंगे

हकीकत कही तुमसे रूबरू न हो जाये
तुम्हारे पलको पर अब वे ख्वाब रक्खेंगे
  
औंधे पडे मिलेंगे तुम्हारे सवालो  के तेवर
चाशनी से लिपटे जब वे जवाब रक्खेंगे

रख दो अपनी खिलाफत ताक पर तुम
खिदमत में वे कबाब और शराब रक्खेंगे
  
उनकी मासूमियत पर यकीन कर लेंगे
जब वे अपनी नज़रो में तालाब रक्खेंगे

लाजिमी है इस चमन का यू ही मुरझाना
जब इनकी जडो में आप तेजाब रक्खेंगे

इनकी नज़रो के आंसू भी थम जायेंगे
गर आप भी अपनी आंखो मे आब रखेंगे

No comments:

विश्व रेडक्रास दिवस

विश्व रेडक्रास दिवस
विश्व रेडक्रास दिवस पर कविता पाठ 7 मई 2010

हिन्दी दिवस : काव्य पाठ

हिन्दी दिवस : काव्य पाठ
हिन्दी दिवस 2009

राजस्थान पत्रिका में 'यूरेका'

राजस्थान पत्रिका में 'यूरेका'

हमारी वाणी

www.hamarivani.com

ब्लागोदय


CG Blog

एग्रीगेटर्स

ब्लागर परिवार

Blog parivaar